हिंदी के प्रचार और प्रसार में समर्पित काव्यांगन/Kavyangan
🌹”काव्यांगन” एक छोटा सा प्रयास है, उन सभी को एक पटल पर लाने का, 🙏जो हिन्दी साहित्य के पठन पाठन में गहन रुचि रखते हैं, 🙏 🙏हिन्दी साहित्य के उन सभी नवोदित काव्यार्थियों के लिए जो प्रयासरत हैं और आगे बढ़ना चाहते हैं और 🙏उन सभी प्रसिद्धि प्राप्त विद्वतजनों को, जिनके आशीर्वाद और अनुभव की हमें आवश्यकता है।🌹
हमें पूरा विश्वास है कि यहाँ रचनाकारों को पाठकों से रचनाओं पर प्रोत्साहन से स्वान्तः सुखाय तो मिलेगा ही, काव्य प्रेमियों को भी भरपूर आनंद प्राप्त होगा
🌹पूर्ण रूप से हिंदी के प्रचार और प्रसार में समर्पित काव्यांगन की स्थापना स्वर्गीय डॉ. रामकृष्ण शर्मा, डी. लिट्, विद्यावाचस्पति के संरक्षण में 21 फरवरी 2018 को हुई।🌹
काव्यांगन एक ऐसा ही मंच है जो अनेकानेक भावों से, तरंगो से, कार्यक्रमों से, दसों दिशाओं में, आप सब के सहयोग, आत्मीयता और काव्य के प्रति समर्पण के साथ, काव्य प्रेमियों के हृदय को, आपके हृदय को प्रफुल्लित करता है।🌹 जो स्थापित रचनाकार हैं, उनका दायित्व है समाज के लिए, हिंदी साहित्य के लिए कि वे नवांकुरों को प्रोत्साहित करें न कि अनुत्साहित। कोई जन्म से सीख कर नहीं आता और न इसका कोई विद्यालय है। आप जैसे मनीषियों से उनको जैसा मिलेगा वही सीखेंगे। हममें पूरा धैर्य और आप सब मनीषियों, सदस्यों पर विश्वास है कि हम अपने उद्देश्य में पूर्ण सफल होंगे।
🙏🙏हम बचनबद्ध हैं एक ऐसा साहित्यिक मंच, आपको और समाज को देने के लिए जिस पर हम और आने वाली पीढी गर्व कर सकें।🙏🏼🙏🏼